जगद्गुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग राज्य विवि में हुआ दो दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन
जगद्गुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग राज्य विवि में हुआ दो दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन
जगद्गुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग राज्य विवि में हुआ दो दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन
रिपोर्टर – अश्वनी श्रीवास्तव
चित्रकूट। जगद्गुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग राज्य विश्वविद्यालय में दो दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान लखनऊ एवं जगद्गुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग राज्य विश्वविद्यालय चित्रकूट के संयुक्त तत्वावधान में विषय-हिन्दी साहित्यिक पत्रकारिता एवं मतवाला के सौ वर्ष पर आयोजित किया गया। संगोष्ठी का शुभारम्भ मां सरस्वती की प्रतिमा में माल्र्यापण एवं दीपप्रज्ज्वलन तथा मां सरस्वती की वन्दना के साथ किया गया। मां सरस्वती वन्दना विश्वविद्यालय के संगीत विभाग की प्रभारी डाॅ ज्योति विश्वकर्मा ने प्रस्तुत किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के जीवन पर्यन्त कुलाधिपति जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य ने की।
संगोष्ठी में कुलाधिपति जगद्गुरू रामभद्राचार्य महाराज ने कहा कि सुसुप्त भारत को जिसने जगाया वह गोस्वामी तुलसी दास थे। गोस्वामी तुलसी दास ने कहा कि राम का अर्थ है राष्ट्र का मंगल, जिससे राष्ट्र का मंगल हो वही राम है।
इस मौके पर तुलसी पीठ के उत्तराधिकारी आचार्य रामचन्द्र दास, रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर के कुलपति प्रो कपिलदेव मिश्र, महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो भरत मिश्र, आरपी सिंह, निदेशक उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान लखनऊ डाॅ अमिता दुबे, उपनिदेशक उत्तर प्रदेश हिन्दी शोध संस्थान दिव्या मेहता, डाॅ प्रकाश मणि त्रिपाठी, विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो शिशिर कुमार पाण्डेय, कुलसचिव राज बहादुर सिंह, वित्ताधिकारी रमापति मिश्रा, मानविकी संकाय के अधिष्ठाता डाॅ विनोद कुमार मिश्र, शिक्षा संकाय के अधिष्ठाता डाॅ महेन्द्र कुमार उपाध्याय, संगोष्ठी की संयोजिका हिन्दी विभाग प्रभारी डाॅ किरण त्रिपाठी, पीआरओ सुधीर कुमार आदि मौजूद रहे।